what is securities market in Hindi 2022, शेयर के स्टॉक्स सर्टिफिकेट सरकारी अर्ध सरकारी व गैर सरकारी बांड्स डिवेंचर म्यूच्यूअल फंड की यूनिट्स इत्यादि ऐसी कोई भी रसीद जिसका आर्थिक मूल्य होता है वह सिक्योरिटी कहलाता है इसके अलावा ऐसी कोई भी दस्तावेज जो सरकार द्वारा प्रतिभूति के रूप में अनुमोदित हो कुछ सिक्योरिटीज जिनमें आप इन्वेस्ट कर सकते हैं– शेयर, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज डेरिवेटिव्स प्रोडक्ट म्यूच्यूअल फंड की यूनिट इत्यादि।

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स्टॉक क्या है
आप शेयर को इक्विटी कहें या स्टॉप सभी का अर्थ एक ही है शेयर किसी कंपनी में स्वामित्व की सबसे छोटी इकाई है उदाहरण के तौर पर यदि किसी कंपनी ने कुछ 1 लाख शेयर जारी किए तथा किसी व्यक्ति के पास उनमें से 1000 शेयर है तो वह व्यक्ति उस कंपनी में 1% की हिस्सेदारी रखता है दूसरे शब्दों में यह व्यक्ति उस कंपनी में 1% का हिस्सेदार है तथा उसी अनुपात में कंपनी के नफे या नुकसान का भी भागीदार होगा।
कर्ज का लिखित बंध पत्र क्या होता हैWhat is securities market in Hindi 2022.
जब कोई सरकारी अर्थ सरकारी संस्था अथवा कोई निजी कंपनी किसी आर्थिक प्रयोजन के लिए खुले बाजार से कर्ज लेना चाहती है तो वह बाउंड या डिवेंचर जारी करती है प्रचलित भाषा में सरकारी तथा अर्ध सरकारी संस्थाओं द्वारा जारी कर्ज लिखित बंध पत्र को बाउंस कहा जाता है तथा निजी कंपनीयों द्वारा जारी कर्ज लिखित बंध पत्र को डिवेंचर कहां जाता है इस कर्ज लिखित बंध पत्र के दस्तावेज में कर्ज की न्यूनतम इकाइयां अवधि ब्याज दर तथा पूर्ण भुगतान का तरीका वर्णित होता है।
डिवेंचर -यह एक तरह की बाउंस होता है तथा इसे उधारी की सबसे छोटी इकाई कहा जा सकता है डिवेंचर खरीदने वाले को कंपनी एक निश्चित समय के लिए निश्चित ब्याज दर पर डिवेंचर सर्टिफिकेट जारी करती है इस निश्चित समयावधि के बाद डिवेंचर धारक को मूलधन ब्याज सहित प्राप्त होता है इस अवधि के दौरान कंपनी के नफे नुकसान से यह डिवेंचर धारक प्रभावित रहता है।
गवर्नमेंट सिक्योरिटीज मे निवेश का तरीका-
यदि आप जोखिम लेने से डरते हैं और सुरक्षा आपकी प्राथमिकता है तो आपके लिए सरकारी प्रतिभूतियां (गवर्नमेंट सिक्योरिटीज) मैं निवेश का विकल्प बेहतर है क्योंकि संपत्ति की इस वर्ग में आपको लिक्विडिटी का लाभ अच्छा रिटर्न भी मिलता है।
जानिए सरकारी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश संबंधी जानकारी। निवेश का तरीका— जिस तरह शेयर बाजार में निवेश के लिए डीमैट खाता जरूरी है वैसे ही इन गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश करने के लिए भी यह आवश्यक है आपको सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने व बेचने के लिए अलग से डीमैट खाते की जरूरत नहीं होती है।
सरकारी प्रतिभूति प्राथमिक बाजार या द्वितीय बाजार से खरीद सकते हैं।
प्राथमिक बाजार में आप बैंकों डीलरों या ब्रोकरों द्वारा भी इन्हें खरीद सकते हैं यदि फंड के जरिए सरकारी प्रतिभूतियां में निवेश करना चाहते हैं तो गिल्ट फंड के द्वारा ऐसा किया जा सकता है क्योंकि गिल्ट फंड में निवेशकों का पैसा गवर्नमेंट सिक्योरिटीज ही निवेशित किया जाता है।What is securities market in Hindi 2022.
सरकारी प्रतिभूतियां जी सेक सांवरेन डेट के नाम से भी प्रचलित है इन्हें निश्चित आय वाले विकल्पों में सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसकी गारंटी सरकारी लेती है निवेशक बाजार से जोड़ी ब्याज दर ओपन कभी भी इस निवेश में प्रवेश कर सकता है और बाहर निकल सकता है एक तो इसमें रिटर्न के स्रोत पर कर कटौती नहीं की जाती है ।

दूसरा 80L के तहत भी इसमें कर लाभ का प्रधान है निवेशक बैंक से कर्ज लेते वक्त जी शेक को गिरवी भी रख सकता है जीसेक बॉन्ड की तरह ही होता है।rank math review
जिस तरह सभी बाउंड सेकेंडरी मार्केट में इनकी कीमत परिपक्वता की अवधि और मौजूदा ब्याज दरों पर आधारित है ठीक वैसा ही इनके साथ भी है इसलिए निवेशक अपने नकदी की जरूरत के अनुसार परिपक्व होने वाली प्रतिभूतियों में निवेश करें।
जी सेक 3 महीने से लेकर 30 वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध होती है यदि भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती व बढ़ोतरी करता है तो वह जीसेक से मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित करती है।
सरकारी प्रतिभूतियों के प्रकार-
जीरो कूपन बॉन्ड – चूंकि इन पर ब्याज नहीं मिलता है इसलिए यह फेस वैल्यू में बड़े डिस्काउंट पर जारी किए जाते हैं और निवेशक जब इसे भुनाना चाहे तो एक पार (सम मूल्य) पर इसे भुना सकता है।
फ्लोटिंग रेट बाउंड – हालांकि इनमें ब्याज दर में मामूली बदलाव हो सकता है लेकिन इनकी न्यूनतम और अधिकतम ब्याज दर की सीमा तय होती है।
डेटेड सिक्योरिटीज – इनमें भी निश्चित ब्याज दर और परिपक्वता की अवधि वाले से तेरा दी है।
कैपिटल इंडेक्स फंड बॉन्ड – यहां ब्याज की दर थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर स्थित होती है।
पुट ऑप्शन बाउंड – यहां निवेशक के पास इस बात की आजादी होती है कि वह सरकार के पाउंड बेच भी सकता है और वापस खरीद भी सकता है इतना ही नहीं खरीद या बिक्री रिडेंप्शन से पहले भी की जा सकती है।
मंदी में निवेश का फार्मूला What is securities market in Hindi 2022.
तेजी और मंदी शेयर बाजार की तो ऐसे सच्चाइयां है जिनसे हर निवेशक रूबरू होता है यदि आपके जीवन मंदी में निवेश करने और बिकवाली करने का फार्मूला जान लहंगे तो तेजी मंदी दोनों आपको फायदा दे सकती है।
वैश्विक मंदी के चलते सन 2008 भारतीय शेयर बाजारों के लिए ऐसा तूफान लेकर आया कि उस में दिग्गज शेयर भी पूरी तरीका से गिर चुका था 2008 में अकेले अक्टूबर महीने में BSE सेंसेक्स और निफ़्टी ने 30 फीसदी से ज्यादा की चोट खा ली थी,

सन 2008 में वैश्विक बाजारों से जुड़ी खबरों और घटनाक्रमों का वैश्विक हो चुके भारतीय शेयर बाजार पर भी काफी गहरा असर पड़ा सन 2008 के अक्टूबर माह को फोकस में रखकर आपको मंदी से निपटने के कुछ तरीके बताते हैं सन 2008 मैं इस महीने में दिग्गज शेयर साल के निम्नतम स्तर पर ट्रेडिंग कर रहे थे और साल के उच्चतम स्तरों से 60 फ़ीसदी तक नीचे आ गए।
जिन शेयरों व सेक्टरों ने 2607 में तेजी बाजार की अगुवाई की थी उन्हें 2008 की मंदी में सबसे ज्यादा झटका लगा उदाहरण के लिए इन्फ्राट्रक्चर और रियल एस्टेट सेक्टर के शेयर आपने पिक लेबल से 80 से 90 फ़ीसदी तक नीचे आ गए और बैंकिंग व फाइनेंशियल सर्विसेज के स्टाफ को भी भारी नुकसान हुआ परिणाम स्वरूप घबराहट में निवेशकों ने जमकर बिकवाली की इससे मार्केट और नीचे आ गया।
अमेरिका के सबप्राइम संकट और वैश्विक वित्तीय मंदी का असर भारतीय शेयर बाजार पर इतना व्यापक रूप से पड़ा कि जिन विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश से शेयर बाजार को तेजी प्रदान की थी उन्होंने ही जब आपने रकम मार्केट से निकालना शुरू कर दिया तो भारतीय शेयर बाजार में तरलता का संकट पैदा हो गया और इससे बाजार के सेंटीमेंट्स पर गहरा असर पड़ा नतीजा यह हुआ कि घरेलू संस्थागत निवेशकों एवं छोटे निवेशकों ने भी खौफ का माहौल देखकर बिकवाली कि और बाजार से बाहर निकलने में ही अपनी भलाई समझी
मंदी की स्थिति में निवेशकों के लिए टिप्स
What is securities market in Hindi 2022. मंदी के दौर में यह देखें कि कौन से दिग्गज सर आप को सबसे निचले स्तर पर दिखाई दे रहे हैं जब दिग्गज कंपनियों या यों कहे की ब्लू चिप कंपनियों के शेयर आपने पुस्तक भाव से 60 से 70% निचले भाव पर मिलने लगे हैं तो इस स्टॉक सेल का फायदा जरूर उठा लेना चाहिए यदि आपको किसी शेयर पर उच्चतम दर पर खरीदा है तो आप मंदी के दौर में उस नुकसान की भरपाई और उसे खरीद कर करें ।

उदाहरण के लेते जी के समय जिन निवेशकों ने रिलायंस इंडस्ट्री का प्रति शेयर 3000 के भाव पर खरीदा वह मंदी के समय उसकी हजार रुपया पर आ गई कीमत पर यदि उसकी दोबारा खरीद करता है तो वह अपने घाटे को नापे में बदल सकता है और इसे एवरेज आउट करना कहते हैं इसलिए इन निवेशकों को जो मंदी के वक्त भी खरीदारी की इच्छा रखते हैं एंट्री प्राइस पर एवरेज आउट करने के लिए छोटे नोट और नियमित अंतराल पर शेयर खरीदने चाहिए।
नुकसान की भरपाई जरूरी What is securities market in Hindi 2022.
मंदी के दौरान निवेशक को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि मंदी के दौरान उन निवेशकों के शेयर हि टिक पाते हैं जिनमें दम खम होता है हालांकि मंदी के दौरान इनमें भी काफी गिरावट आती है लेकिन यह अपने आप में एक तरह का स्थायित्व लिए होते हैं और तेजी के दौरान इनमें अंधाधुंध तेजी देखने को नहीं मिलती है ।
इस प्रकार इस लेख में विस्तारित रूप से बताया गया है की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज क्या है डिवेंचर, मंदी की स्थिति में निवेशकों को टिप्स, नुकसान की भरपाई यह सभी के बारे में विस्तारित रूप से छोटा करके इस लेख में लिखा गया है।https://shivasharemarket.com/
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