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demat account
Demat account kya hai 2022, regular demat account भारतीय निवेशक और ट्रेडर्स ज्यादातर अपना देश में ही रहते हैं यहीं का शेयर बाजार में निवेश करते हैं इसलिए आप यह रेगुलर डिमैट अकाउंट किसी भी डिपॉजिटरी CDSL या NSDL पर रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं और खाते से कंप्यूटरीकृत शेयरों में निवेश तथा ट्रेड कर सकते हैं।

डिमैट अकाउंट के बिना शेयर खरीद पाना नामुमकिन है। यह शेयर बाजार में निवेश करने की एक अनिवार्य शर्त है डीमैट का अर्थ है- डीमैटीरियलाइज इसका अर्थ है कि आपको किसी कंपनी की संपत्ति अभौतिक या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त हो गई है उसी का हिसाब किताब रखने के लिए डिमैट अकाउंट की व्यवस्था की गई है ऐसा इसलिए भी है ताकि भौतिक रूप से लेन देन के दौरान संपत्ति के फर्जी होने चोरी होने या फिर नकली होने की आशंका को समाप्त किया जा सके। rank math seo
दरअसल यह एक तरह का बैंक अकाउंट होता है जिसमें मुद्रा का स्थान शेयर ले लेता है डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको निकटतम डिपॉजिटरी तक अपनी पहुंच बनाने होगी डिपॉजिटरी बैंक की तरह ही एक ट्रस्टी होता है जहां बैंकों द्वारा रुपयों का लेनदेन किया जाता है वही डिपॉजिटरी के द्वारा सिक्योरिटीज का लेनदेन होता है इस प्रकार इसे सिक्योरिटीज का बैंक का जाता है डिपॉजिटरी में निवेशक अपने शेयर्स, डिवेंचर, बाउंस ,गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, यूनिट्स जैसी प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखते हैं डिपॉजिटरी इन प्रतिभूतियों को रखने के लिए अलावा प्रतिभूतियों के लेन देन का भी सुविधा प्रदान करता है।Demat account kya hai 2022.
डिपॉजिटरी क्या है
सन 1992 के शेयर घोटाले के बाद से ही सरकार कोई ऐसा तरीका खोजना चाह रही थी जिससे शेयरों के व्यापार पर नजर रखी जा सके और नियमित बनाया जा सके इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार ने शेयर प्रमाण पत्रों का भौतिक आदान-प्रदान रहित निक्षेप निधि (डिपॉजिटरी) प्रणाली अपनाने का फैसला लिया इस प्रणाली में शेयरों के स्वामित्व को साबित करने के लिए किसी प्रकार का प्रमाण पत्र नहीं रखना होता है।

भारतीय प्रतिभूति एवं एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) ने डिपॉजिटरी अधिनियम के अंतर्गत वर्ष 1996 में दो डिपॉजिटरी कंपनियों ‘ नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड ‘(एन.एस.डी.एल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सी.डी.एस.एल) को पंजीकृत किया है पूरे भारत में यह दोनों रिपोजिटरी ही आपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के माध्यम से डीमेट अकाउंट की देखरेख करती है डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको निकटतम डिपॉजिटरी तक जाना होगा ग्राहकों को डिपॉजिटरी की सेवाएं जिस एजेंट के माध्यम से मिलती है उन्हें डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) कहा जाता है।
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट का काम बैंक, वित्तीय संस्था या ब्रोकर करते हैं और तिनके पास अपने डिमैट शेयर जमा करना या निकालना, बैंक खाते के संचालन जैसा ही होता है शेयर बाजार में निवेश करने वाले कई बड़ी कंपनियां से लेकर छोटे ब्रोकर तक डीमेट अकाउंट खुलवाने का काम करते हैं इसमें बहुत सारे सरकारी व गैर सरकारी बैंक भी है जहां आप अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।
बीएसई (मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) द्वारा प्रमोट की गई डिपॉजिटरी सीडीएसएल है जो कई अग्रणी बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और दूसरे अग्रणी ब्रोकर द्वारा जुड़ी हुई है वहां एन.एस.डी.एल जो भारत की पहली डिपॉजिटरी है वाह NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) द्वारा की गई डिपॉजिटरी है तथा बहुत से सरकारी तथा गैर सरकारी वित्तीय संस्थानों से जुड़ी हुई है एनएसडीएल के जितने भी शेयर फोल्डर्स है वे सभी एनएसडीएल की डिपॉजिटरी सुविधाओं का उपयोग करते हैं।
कैसे खोलें डिमैट अकाउंट
सबसे बेहतर तो यही होता है कि आप उसी डीपी का प्रयोग करें जिसका प्रयोग आपका ब्रोकर करता है इससे आपके शेयर सौदे सरल तथा कम समय में हो जाएंगे डिमैट अकाउंट खोलने से पहले आप डीपी का चुनाव करते वक्त 3 सी का ध्यान रखें यह तीन सी है कन्वीनिएंस कंफर्ट तथा कॉस्ट आप जांच देखी कौन से डीपी की सेवाएं आपको कम खर्च आपकी आसान पहुंच तथा आसानी से मिल सकती है ।

अधिकांश बैंक डीपी है उदाहरण के लिए यदि आपने अपना डी प स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को चुन लिया है तो वहां आपको डिमैट अकाउंट खोलने के लिए एक फॉर्म भरना होगा यदि आपका बैंक बोकर भी है तो आप अपना सेविंग बैंक अकाउंट भी वहां खोलकर अपना शेयर कारोबार एक ही जगह पूरा कर सकते हैं मतलब डिमैट अकाउंट ब्रोकिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट एक ही जगह।
शेयर ब्रोकर को एक ग्राहक के रूप में आपको तमाम जानकारियां देनी होती है उसके बाद ब्रोकर आपको एक यूनिक आइडेंटीफिकेशन नंबर देता है फॉर्म के साथ आपको निम्नलिखित सबूत देने होंगे-
1. पहचान का सबूत आपके हस्ताक्षर युक्त फोटोग्राफ पैन कार्ड की फोटो कॉपी।
2. स्थायी पत्ते का सबूत-इसके लिए आप पासपोर्ट की फोटोकॉपी ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी राशन कार्ड या बैंक की पासबुक की फोटो कॉपी टेलीफोन या बिजली बिल का फोटो कॉपी जिस पर आप का स्थायी पता लिखा हो इनमें से आपके पास जो भी द तीन स्थायी सबूत उपलब्ध हो उन्हें फार्म के साथ संगलन करना होता है। 2. पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ। आप एक ही डीपी या उससे एक से अधिक डीमैट अकाउंट भी खुलवा सकते हैं लेकिन जरूरी है कि आपने इंजेक्शन स्लिप को संभाल कर रखें।
कैसे होता है डीमैटीरियलाइजेशन
Demat account kya hai 2022, जिनके पास अभी तक पुराने शेयर फिजिकल फॉर्म में पड़े हैं उनका डीमैटीरियलाइजेशन करवाना बहुत जरूरी है वरना आप उन शेयरों की कुछ समय बाद खरीद बिक्री नहीं कर पाएंगे डीपी के पास अपने शेयर डिमैट कराने की प्रक्रिया भी काफी आसान है डिमैट अकाउंट खोलने के बाद बस आपने शेयर सर्टिफिकेट रद्द करके डीपी को सौंपने हैं साथ ही आपको एक डिमैट रिक्वेस्ट फॉर्म भरकर देना है जिसके आपके शेयरों को फोलियो संख्या सर्टिफिकेट नंबर व अन्य विवरण दर्ज किया जाता है।

इसके बाद इन शेयरों को डिमैट रूप में बदलने के लिए डीपी आपका यह रिक्वेस्ट फॉर्म उस कंपनी या उसके रजिस्ट्रार हस्तांतरण एजेंट को भेज देता है शेयरों के डीमेट रूप में परिवर्तित हो जाने पर ये डीपी के पास खाते में जमा हो जाते हैं आमतौर पर इस पूरी प्रणाली में लगभग 1 महीना लगता है डिमैट अकाउंट खोलने और उसके संचालन से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने निकट के डीपी से संपर्क करें।
डीमैटीरियलाइजेशन के लाभ
1. सिक्योरिटीज का तुरंत हस्तांतरण हो जाना ।
2. सिक्योरिटीज के हस्तांतरण के दौरान किसी तरह की इस स्टैंप ड्यूटी नहीं चुकानी पडती है और ना ही लंबा चौड़ा ट्रांसफर फॉर्म भरना पड़ता है इसके अलावा इस बात का कोई खतरा नहीं रहता है की शेयर नकली झूठे या चुराए हुए हैं।
3. नामांकन की सुविधा उपलब्ध होना अगर खाते में 1 से अधिक लोगों की नाम हो तब भी आप नामांकन फॉर्म भर सकते हैं ताकि एक खाताधारक की मृत्यु होने पर खाते के शेयर जीवित खाताधारक के अलग खाते में चले जाए नामांकित व्यक्ति को शेयर तभी मिलते हैं जब खाते की सभी धारकों की मृत्यु हो जाए।
4. डीमेट प्रणाली कि मार्फत छोटे निवेशक आंड वांट या कम संख्या के शेयर आसानी से बाजार भाव पर भेज सकते हैं और महंगे शेयर भी कम संख्या में खरीद सकते हैं जबकि पहले महंगे शेयरों का मार्केटेबल लॉक खरीदने के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता होती थी।
5. यदि आपका स्थानीय पता बदल गया तो आपको उन सभी कंपनियों को सूचित करने की जरूरत नहीं है जिनमें आपने निवेश किया है बल्कि आपको केवल डीपी को सूचित करना होग और उसके बाद आपका डीपी यह जानकारी उन सभी कंपनियों तक पहुंचा देगा जिसमें आपने निवेश किया है।
6. डिमैट सुविधा के चलते अब आपको कंपनियों द्वारा मिलने वाले बोनस शेयर व राइट शेयर बिना विलंब के आप के खाते में जमा हो जाते हैं जबकि पहले इन शेयरों के सर्टिफिकेट्स निवेशकों को कई सप्ताह बाद मिलते थे इस दौरान कई बार सर्टिफिकेट ह जाते थे या गलत पते पर पहुंच जाते थे।
पैन का महत्व / Demat account kya hai 2022.
आप यदि शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो एक बात स्पष्ट रूप से समझ ले कि आपके पास यदि इनकम टैक्स परमानेंट अकाउंट नंबर नहीं है तो आप शेयर बाजार में ना तो प्राथमिक बाजार के द्वारा और ना ही द्वितीयक बाजार के द्वारा निवेश कर पाएंगे शेयर बाजार में कारोबार करने के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है लेकिन यदि आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आपका डिमैट अकाउंट भी नहीं खुल सकता सरकार ने इनकम टैक्स संबंधी पारदर्शिता लाने की दृष्टि से ऐसा किया है।

लेकिन आपको इनकम टैक्स के पैन कार्ड सुनकर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि शेयरों पर मिलने वाले लाभांश को सरकार ने कर मुक्त रखा है यानी कंपनी से मिलने वाले विवरण पर आपको किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता है इस तरह यदि अपने शेयरों को खरीद कर 12 महीने तक अपने पास रखा और बाद में बेचकर लाभ कमाया तो ऐसे लाभ पर कोई शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता जबकि यदि आपने खरीदें गए शेयर साल के भीतर ही बेचकर लाभ कमाया है तो उस लाभ पर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है।
इस प्रकार इस लेख में सरल भाषा में बताया गया है की डिमैट अकाउंट कैसे खोलें डिपॉजिटरी क्या है और डिमैट अकाउंट की जानकारी पैन कार्ड की महत्व को अच्छी तरह से दर्शाया गया है।https://shivasharemarket.com/