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Share क्या है, what is share in stock market 2022.

Share क्या है, what is share in stock market 2022.

Share क्या है, what is share in stock market 2022, शेयर क्या है , पूंजी बाजार में निवेश करने की कई तरीके हैं जैसे शेयर बाउंस डिवेंचर मुचल फंड या निवेश की अन्य प्रतिभूतियां इत्यादि प्रत्येक प्रकार के निवेश की कुछ विशेषताएं लाभ तथा उद्देश्य ओ कारण होते हैं निवेश के इन विभिन्न तरीकों में शेयर द्वारा शेयर बाजार में किया गया निवेश लोकप्रिय एवं आम है शेयर का हिंदी में अनुवाद करें तो इसका अर्थ होता है बांटना। वास्तव में यह प्रक्रिया बांटने की ही है।

दरअसल शेर किसी कंपनी में आंशिक भागीदारी का तरीका है किसी कंपनी के शेयर खरीदने का तत्पर्य है कि व्यक्ति उस कंपनी का आंशिक हिस्सेदार बन रहा है इस प्रकार के निवेश में कंपनी की हिस्सेदारी से जुड़े फायदे है तो कंपनी के व्यापार से जुड़े खतरे भी शामिल होते हैं कंपनी के शेयर खरीदना तथा बेचना निवेश की गतिविधियां है वह निवेशक जो किसी कंपनी का शेयर खरीद लेता है तब वह उस कंपनी का शेयर होल्डर कहलाता है दूसरे शब्दों में शेयर की खरीदारी को इक्विटी की खरीदारी भी कहा जाता है तथा शेयर होल्डर को इक्विटी होल्डर किया इक्विटी शेयर होल्डर भी कहा जाता है तो यदि आप शेयर की जगह इक्विटी व स्क्रिप्स शब्द सुने तो भ्रमित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि तीनों का अर्थ है एक ही है शेयर को हमेशा कंपनी के साथ जोड़कर समझा जाना चाहिए । Rank math review .

Share क्या है, what is share in stock market 2022.

शेयरों के लेन देन करने की प्रक्रिया

निवेशकों को खरीदने के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले शेयर या तो कंपनी द्वारा जारी किए गए नए शेयर हो सकते हैं या कंपनी अपने हिस्से के शेयरों का कुछ भाग पब्लिक के लिए प्रस्तुत कर सकती है इस प्रकार शेयर कंपनी द्वारा आम निवेशक से पूंजी उगाहने का एक औजार है।

शेयर क्यों जारी किए जाते हैं

Share क्या है, what is share in stock market 2022, चूंकि कंपनी को अपने बिजनेस के लिए बड़ी मात्रा में धन की आवश्यकता होती है और यह आवश्यकता चुनिंदा लोगों द्वारा पूरी नहीं की जा सकती है अतः कंपनी अपना बिजनेस फैलाने तथा व्यापार चलाने के लिए कॉरपोरेट स्ट्रक्चर बनाकर बड़ी संख्या में लोगों को शामिल कर उन्हें शेयर बेचती है तथा पूंजी हासिल करके अपने उद्देश्य को पूरा करती है किसी सूचीबद्ध पब्लिक लिमिटेड कंपनी के शेयरों को खरीदना निवेशक के लिए अच्छा चुनाव साबित होता है।

क्योंकि इसके सदस्यों की संख्या 50 से अधिक होती है तथा इसके शेयरों की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है निवेशक अपनी इच्छा व विवेक के अनुसार किसी कंपनी के शेयर खरीद कर अच्छी कीमत आने पर बाद में उन्हें बेच सकता है इस प्रकार व लाभ कमा सकता है या निवेश कि किसी भी विकल्प में या धन लगा सकता है।

जब तक निवेशक शेयर होल्ड करता है तब तक वाह शेयर पर दिए गए डिविडेंड का अधिकार होता है शेयरों से जुड़े खतरों में यह शामिल होता है कि यदि कोई कंपनी अपना व्यापार समेटती है तो शेयर धारकों को सबसे अंत में भुगतान किया जाता है।

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नियमत ऐसी अवस्था में कंपनी आपने सारी देनदारियां चुकता करने के बाद बचे हुए धन को शेयरधारकों को बांटती है व्यावहारिक तौर पर अधिकांश मामलों में देनदारी चुकता करने के बाद कंपनी के पास कोई धन नहीं बचता तथा अब शेयरधारकों को कंपनी से कुछ नहीं मिलता।

किसी शेयर धारक की कंपनी में सीमित हिस्सेदारी होती है अर्थात उसके द्वारा खरीदे गए शेयरों को एवज मैं जो धन वह कंपनी को चुकाता है उसके अतिरिक्त किसी भी स्थिति में कंपनी उससे अतिरिक्त धान की मांग नहीं कर सकती इस प्रकार कंपनी बंद होने की स्थिति में इक्विटी शेयर होल्डर्स को सबसे ज्यादा नुकसान होता है क्योंकि उसे पैसा वापस नहीं मिलता।

दैनिक निवेश तथा दैनिक शेयर व्यवसाय में दूसरे तरह की जोखिम रहती है प्राय यह संभव है कि जब कोई व्यक्ति किसी दर पर कंपनी की शेयर खरीदता है फिर यदि शेयर बाजार में गिरावट आ जाए तो उसके शेयरों की कीमत घट जाती है इन दरो पर शेयर बेचने पर निवेशकों को नुकसान होता है इसके विपरीत शेयरों की कीमत में वृद्धि होने पर शेयर बेचे जाए तो लाभ होता है ।

शेयर कितने प्रकार के होते हैं।

Share क्या है,what is share in stock market 2022. इक्विटी शेयर को आम भाषा में केवल शेयर कहा जाता है।

विभिन्न प्रकार के शेयरों की अलग-अलग विशेषताएं होती है अतः इन के प्रकार को समझना आवश्यक है ताकि निवेशक आपने जरूर तथा विवेक के अनुसार उनका चयन कर सके भारत में निवेशकों को दो प्रकार के शेयर विकल्प उपलब्ध है इक्विटी शेयर तथा प्रीफरेंस शेयर।

इक्विटी शेयर होल्डर या साधारण शेयर (ऑर्डिनरी शेयर)

प्राइमरी तथा सेकेंडरी मार्केट से निवेशक जो शेयर हासिल करता है वह साधारण शेयर कहलाता है इस प्रकार की शेयर धारक कंपनी का आंशिक हिस्सेदार होता है तथा कंपनी की नफे नुकसान से जुड़ा रहता है साधारण शेयर धारक ही इक्विटी शेयर होल्डर होते हैं शेयर की संख्या के अनुपात में कंपनी पर इनका मलिकाना अधिकार होता है कंपनी की नीति बचाने वाला जनरल मीटिंग में इन्हें वोट देने का अधिकार होता है इस प्रकार यह कंपनी से जुड़े रिस्क तथा नफा नुकसान के हिस्सेदार भी होते हैं यदि कंपनी अपना व्यवसाय पूर्ण रूप से प्राप्त करती है तो अब कंपनी अपनी सारी देनदारी चुकता करने के बाद बची हुई पूंजी संपत्ति को इन सदारण शेयरधारकों को उनकी शेयर संख्या के अनुपात से वितरित करती है ।

प्रिफरेंस शेयर

साधारण शेयर के विपरीत कंपनी चुनिंदा निवेशकों प्रोमोटरों तथा दोस्ताना निवेशकों को नीतिगत रूप से प्रिफरेंस सियार जारी करती है प्रिफरेंस शेयरों की कीमत साधारण शेयर की मौजूदा कीमत से अलग भी हो सकती है साधारण शेयर के विपरीत प्रिफरेंस शेयरधारकों को वोट देने का अधिकार नहीं होता प्रिफरेंस शेयरधारकों को प्रति वर्ष निश्चित मात्रा में लाभांश डिविडेंड मिलता है प्रिफरेंस शेयर धारक साधारण शेयर धारक की अपेक्षा अधिक सुरक्षित होते हैं क्योंकि जब कभी कंपनी बंद करने की स्थिति आती है तो पूंजी चुकाने के मामले में प्रिफरेंस शेयर धारकों को साधारण शेयरधारकों से अधिक तरजीह दी जाती है कंपनी अपनी नीति के अनुसार प्रिफरेंस शेयरों को आंशिक अथवा पूर्ण रूप से साधारण शेयर में परिवर्तित भी कर सकती है जब कोई कंपनी बहुत अच्छा बिजनेस कर रही है तो उसके साधारण शेयर धारक को ज्यादा फायदा होता है प्रिफरेंस शेयर धारक को लाभ में से सबसे पहले हिस्सा मिलता है लेकिन इन कंपनी का हिस्सेदार नहीं माना जाता है लाभ के आधार पर प्रिफरेंस सियार 3 तरह के होते हैं – Share क्या है, what is share in stock market 2022.

1. असंचयी अधिमानित शेयर

यदि कंपनी किसी कारणवश पहले वर्ष लाभ नहीं कमाती है और इसकी जगह दूसरे वर्ष में लाभ कमाती है तो इस स्थिति में निवेशक दोनों वर्ष में लाभ प्राप्त करने का दावा नहीं कर सकता है ।

2.संचयी अधिमानित शेयर-

यदि कंपनी किसी वजह से पहले वर्ष लाभ नहीं कमाती और दूसरे वर्ष में लाभ की स्थिति में आती है तो इस स्थिति में निवेशक दोनों वर्ष लाभ प्राप्त करने का दवा कर सकता है ।

3. विमोचनशील अधिमानित शेयर-

इस तरह की शेयर धारक को उसकी पूंजी निश्चित समय के बाद डिविडेंड के साथ लौटा दी जाती है इस प्रकार के शेयर धारक का कंपनी से जुड़ाव पूरी तरह अल्पकालिक होता है और कंपनी की इच्छा पर निर्भर करता है।

परिवर्तनशील अधिमानित शेयर-

इस प्रकार के शेयर निश्चित अवधि के पश्चात इसी कंपनी के किसी अन्य वित्तीय इंस्ट्रूमेंट में बदल दिए जाते हैं ।

शेयरों का संचालन

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बैलेंस शीट में शेयर

विभिन्न प्रकार के शेयरों की चर्चा के साथ ही यह समझना आवश्यक है कि वास्तव में यह किस प्रकार संचालित होते हैं यदि किसी कंपनी का वार्षिक रिपोर्ट उठाकर देखें तो शेयर से जुड़े कई शब्द दिखाई देंगे इन शब्दों को समझने की कोशिश करते हैं।

शेयर कैपिटल

बैलेंस शीट में इक्विटी शेयर देनदारी वाले कांलम मैं दर्ज होते हैं क्योंकि यह राशि कंपनी पर शेयरधारकों की देनदारी है नियमत कंपनी बंद होने की स्थिति में यह राशि शेयरधारकों को चुकता की जानी चाहिए क्योंकि यह राशि आए अथवा खर्च का हिस्सा नहीं है अतः इसे हानि अथवा लाभ के खाते में नहीं दर्शाया जाता बल्कि देनदारी खाते मैं शेयर कैपिटल के नाम से दर्ज किया जाता है।

ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल

बैलेंस शीट में शेर से जुड़ा एक और नाम होता है ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल यह कंपनी की कुल पूंजी का वह अधिकतम हिस्सा है जो कंपनी शेयर जारी करके अर्जित कर सकती है इसकी सीमा पूरी होने पर कंपनी और अधिक शेयर जारी नहीं कर सकती जब तक की उसकी सीमा में विरोधी नहीं की जाए कंपनी के मेमोरेंडम में कंपनी के उद्देश्यों के साथ ही उस कंपनी की ऑथराइज्ड कैपिटल पहले से तय की जाती है ।

Share क्या है, what is share in stock market 2022, दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है किसी और की फेस वैल्यू कितनी है शेयर की फेस वैल्यू 10,5,2,1 रुपया हो सकती है इसके बाद इश्यूड शेयर कैपिटल आता है अर्थात बैलेंस शीट बनाते समय तक कंपनी कितने शेयर जारी कर चुकी है ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल तथा इश्यूड शेयर कैपिटल का अंतर या दर्शाता है की कंपनी मेमोरेंडम के तहत कितनी शेयर जारी कर सकती है ज्यादातर मामलों में इश्यूड शेयर कैपिटल काम रखा जाता है क्योंकि कंपनी एक बार में ही आपने पूरे सीमा को खत्म नहीं करना चाहती इसलिए कुछ भाग ही उपयोग में लिया जाता है कंपनी को बैलेंस शीट में इन आंकड़ों के अलावा पिछले वर्ष के आंकड़ों भी कोष्टक में रहते हैं इसके यह अनुमान लगाने में आसानी रहती है कि गत 1 वर्ष में कितना परिवर्तन आया।

सब्सक्राइब्ड कैपिटल

इश्यूड शेयर का वह भाग जो निवेशक द्वारा लिया जाता है यह सबस्क्राइब्ड कैपिटल कहलाता है जब इश्यू किए गए सभी शेयर निवेशकों दवा ले लिये जाते हैं तब इश्यू वाह सब्सक्राइब्ड कैपिटल समान होंगे इसमें शेरों की कुल संख्या का अनुमान होता है कि कितने शेयर इश्यू किए गए हैं और निवेशकों ने कितने लिये शेयर कैपिटल का अंतिम स्वरूप पैडअप शेयर कैपिटल होता है अर्थात जारी किए गए शेयरों के बहुत बैलेंस शीट बनाते समय तक कंपनी को कितनी शेयर कैपिटल मिल चुकी है ।

बोनस व राइट शेयर

Share क्या है, what is share in stock market 2022, बैलेंस शीट में कंपनी द्वारा जारी किए गए बोनस शेयर की संख्या का उल्लेख होता है इससे यह पता चलता है की कंपनी के शेयर कैपिटल में कितनी हिस्सा शेयर बेचकर अर्जित किया गया है तथा कितना हिस्सा निवेशकों को बोनस शेयर जारी करके शेयर कैपिटल शामिल किया गया है बोनस शेयर शेयर धारकों को ।

Share क्या है 2022, बोनस शेयर क्यों जारी किए जाते हैं

दरअसल बोनस शेयर का संबंध कैपिटलाइजेशन ऑफ रिजर्व से है इसलिए पहले हम कैपिटलाइजेशन ऑफ रिजर्व क्या है इसे समझते हैं दरअसल जब कोई कंपनी अपने व्यवसाय के दौरान वित्तीय वर्ष में लाभ अर्जित करती है तब कंपनी नियमित खर्चे निकाल कर देनदारियां निकाल कर लाभांश निकालकर बची हुई राशि भविष्य में विस्तार के लिए रिजर्व रखती है साल दर साल इस प्रकार कंपनी का अवितरित लाभ इकट्ठा होकर रिजर्व के रूप में कंपनी के पास रहता है कंपनी आपने नीतियों के अनुसार सरकारी कानूनों के तहत बोनस इश्यू जारी करके इस रिजर्व पूंजी के कुछ भाग का कैपिटलाइजेशन करती है।

इस प्रक्रिया में तत्कालीन शेयरधारकों को उनके शेयर के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए जाते हैं इसे बोनस इश्यू कहते हैं इस प्रक्रिया में कंपनी का रिजर्व फंड इक्विटी में परिवर्तित होता है वस्तुतः यह मात्रा एक बूट इंट्री है बोनस शेयरों और कोई कीमत नहीं वसूली जाती है तथा शेयरधारकों की संख्या भी अपरिवर्तित रहती है। Share क्या है, what is share in stock market 2022.

इस प्रकार शेयरधारकों का अनुपातिक स्वामित्व भी अपरिवर्तित रहता है हां यह हो सकता है की बोनस शेयर जारी करने के पश्चात कंपनी के शेयरों की बाजार की कीमत में कुछ गिरावट आए जो बोनस इश्यू के अनुपात में होती है साधारणतया कंपनी प्रतिवर्ष आपने लाभांश की दर बनाए रखती है शेयरधारकों को बोनस इश्यू मिलने के बाद ज्यादा डिविडेंड मिलता है तथा कालांतर में बाजार में शेयरों की कीमत फिर अपना स्थान बना लेती है इस प्रकार शेयरधारकों को काफी लाभ होता है । इस प्रकार इस लेख में यह दर्शाया गया है कि हम जान सकते हैं किस शेयर किया है, शेयर की लेनदेन प्रक्रिया, शेयर क्यों जारी किए जाते हैं, शेयर कितने प्रकार के होते हैं ,शेयरों का संचालन ,और बोनस शेयर क्या है ।

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What is earning per share in stocks,/ EPS क्या है 2022.।

What is earning per share in stocks,

1. EPS क्या है।

2. इसे calculate कैसे करते हैं।

3. और EPS कितना प्रकार का है।

4. EPS का क्या Use है।

1:- Earning per share (EPS) एक नंबर होता है1.7,3,4,6 जो यह बताता है की कंपनी का earning power को बताता है company ka earning power जितना अधिक होता है उतना ही कंपनी का शेयर प्राइस अधिक होती है।

2. EPS को कैसे calculate करते हैं।

calculate of EPS :-

Example:-

net income= 50 cr

preferred dividend = 5 cr

average outstanding common share = 10 crore

EPS = (50-5) =45cr

EPS = 45/10=4.5

EPS = 4.5

EPS को कैलकुलेटर कैसे करें EPS equal net income – preferred dividend /divided average number of share outstanding ,What is earning per share in stocks,/ EPS क्या है 2022.।

example एक कंपनी का net income 50 cr है और preferred dividend – 5cr और average outstanding common share = 10cr है तो EPS equal (50-5)=45 है तो EPS=45/10=4.5 यह भी होता है।

की सभी कंपनी को preferred dividend देने की obligation नहीं होता है इसलिए सभी कंपनी का preferred dividend नहीं होता है इसलिए EPS निकालने के लिए कंपनी का नेट इनकम भागा average number of share outstanding बराबर EPS .

EPS = 50/10=5

EPS = 5

अगर कंपनियां का outstanding share बढ़ेगा तो कंपनी का EPS घटेगा और अगर कंपनी का EPS बढ़ेगा तो कंपनी का आउटस्टैंडिंग शेयर घटेगा

अक्सर कंपनियां अपने शेयर को buy back करती है इससे मार्केट में उसका total common outstanding share कम हो जाती है और इसके वजह से EPS बढ़ जाती है इसी प्रकार सारी कंपनियां छोटे शेयर होल्डर को ESOPs और बड़े को warrant और convertible securities issue करती है।

What is earning per share in stocks,/ EPS क्या है 2022.।

अगर यह ISO share ko common share मैं बदला जाता है तो आउटस्टैंडिंग शेयर बढ़ जाती है और इसकी वजह से EPS घट जाती है इसी बात को ध्यान में रखकर diluted EPS भी calculate किया जाता है diluted EPS mein normal outstanding share के साथ convertible share consider करते हैं।

example:-

एक कंपनी का net income 100 cr है और कंपनी ने इसी वर्ष 5 % referred dividend 5 cr दी है और average outstanding common share 10 crore है तो total convertible securities 2 crore है तो EPS हो जाएगा 7.92

net income= 100cr

preferred dividends= 5 cr

average outstanding common share= 10

total convertible security=2cr

EPS =(100-5)/(10+2)=95/12=7.95

और इस EPS को diluted EPS कहते हैं।

Use of EPS :-EPS Mani ka earning power ko बताता है

इसलिए अक्सर invester high EPS वाले कंपनी को पसंद करते हैं साथ ही EPS ka use, PE ratio calculate करने के लिए होता है हमें यह भी ध्यान होना चाहिए की किसी कंपनी का एक साल का EPS company के बारे में ज्यादा information नहीं देता है 1 साल किसी वजह से कोई भी कंपनी ज्यादा प्रॉफिट बना सकती है । Rank math seok

और इस वजह से उसका EPS ज्यादा हो सकती है EPS का सही यूज़ तभी होता है जब हम कंपनी का 3 से 5 साल का EPS को देख देखें अगर यह कंपनी लगातार हर वर्ष अपना EPS बढ़ा रही है तभी हम उस कंपनी को अच्छा मानेंगे इसमें हम यह उल्लेख किए हैं कि EPS क्या होता है और इसका कितना प्रकार है इसका क्या यूज होता है और इसे कैलकुलेटर कैसे करते हैं ।

Asset turnover ratio,

1. Asset turnover ratio क्या होता है।

2. Asset turnover ratio को calculate कैसे करते हैं।

3. Asset turnover ratio का यूज कैसे करते हैं ।

:- Asset turnover ratio एक financial ratio है

Asset turnover ratio हमें यह बताता है कि ₹1 assets में कितना कितना रुपया का रेवेन्यू जनरेट कर रही है।

एक कंपनी का asset turnover ratio एक कंपनी से जितना ज्यादा रहता है जितना दूसरे के मुकाबले अच्छा माना जाता है।

example:- एक company ka asset turnover ratio = 2 है इसका मतलब यह है कि कंपनी हर साल 1 रुपया का assets se 2 रुपया revenue generate कर रही है।

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Assets turnover ratio का formula होता है

Revenue

ASE turnover ratio =—————————————–

Average total assets

revenue आपकी income statement से मिल जाएगा और average total assets फर्स्ट साल एवं लास्ट साल जोड़कर एवरेज निकाला जाता है वह balance sheet में मिल जाएगा ।

example :- Asian

Revenue= 10000cr

average total asset= 8000+15000/2

assets turnover ratio=11500

=10000/11500= 0.87

1 रुपया asset =0.87 रुपया revenue generate किया । एक एशियन पेंट कंपनी 2022 में उसका रेवेन्यू 10 हजार करोड़ था और एवरेज टोटल असेट्स बराबर फर्स्ट साल प्लस दूसरा साल भगा दो

first year =800+2nd years = 11500 divided= 2 equal 11500 assets turnover ratio equal 10000 / 11500=0.87 rupees तो इस एशियन पेंट कंपनी 1 रुपया assets में 0.87 रुपया revenue generate करती है।

What is earning per share in stocks,/ EPS क्या है 2022.

Asset turnover ratio का कंपनी का यूज एक कंपनी को दूसरे कंपनी से compare करने में या कंपनी का performance देखने के लिए किया जाता है अगर दो कंपनी दोनों एक ही जैसा लग रहे हैं तो हम asset turnover ratio से हम देख सकते हैं कि कौन सा कंपनी अपने assets को सही तरह से यूज कर रही है लेकिन हम कभी भी एक ही industry ka company ke sath compare करना चाहिए ।

क्योंकि हर कंपनी का structure अलग-अलग होती है इसलिए अलग-अलग कंपनी का assets turnover ratio अलग अलग हो सकती है लेकिन हमें ध्यान रहे कि कभी भी कंपनी का एक परा मीटर को देखकर इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए। हम इसमें assets turnover ratio क्या है और इसका यूज कैसे करते हैं और इसे calculate कैसे करते हैं इन सभी को दर्शाया गया है ।https://shivasharemarket.com/share-market-2022/

PE Ratio क्या है,। What is PE ratio in stock market 2022.

What is PE ratio in stock market 2022.

  1. PE Ratio क्या है
  2. इसे calculate कैसे करते हैं
  3. और इसे use कैसे करते हैं

एक अच्छे इन्वेस्टर कंपनी का PE ratio बिना देखे नहीं ले सकता है।

PE Ratio क्या है,। What is PE ratio in stock market,?/ https://shivasharemarket.com/rich-people-accumulate-assets/
PE Ratio क्या है,। What is PE ratio in stock market,?

:- साधारण भाषा में इसका मतलब यह होता है की हमे कितना रुपया लगाने में हमें कितना रुपया मिलेगा ।

PE Ratio का अर्थ है price to earning ratio, PE ratio हमें यह बताता है कि एक कंपनी में 1 रुपया कमाने के लिए हमें कितना देना होगा ।

PE ratio हमें यह भी बताता है की हम तो कंपनी में किस कंपनी में इन्वेस्ट करना चाहिए । How PE ratio is calculated?

इसे calculate कैसे करते हैं

company ka share price and earning per share

PE Ratio equal current market price on share divided earning per share 100/5 = 20 rupees है PE ratio .

Example:- मेरा पास दो rental income है

A Rental, and B Rantal

A Ltd company.5 Lakh B Ltd company. 7 lakh, A=5000 B=10000

rental मिलता है

एक 5 लाख और दूसरा 7 Lakh price hai तो हमें किस्त रेंट को buy करना चाहिए सही रहेगा

हमें तो इन्वेस्ट कर रहे हैं इसलिए रेंटल को भी देख कर करना चाहिए । 500000 वाला रेंट से हमें 5000 रेंट और 700000 वाला रेंटल से लाख वाला रेंटल से 10,000 रेंट मिलता है तो इसमें से कौन सा अच्छा है मेरा हिसाब से 10000 वाला रेंट अच्छा है ना कि 5000 वाला तो इसी प्रकार सस्ते प्राइस वाला शेयर के जगह अच्छे valuation wala share को पहचानने में मदद करता है.।

तो इसी प्रकार:-

तो इसका PE ratio=20 ,hai PE Ratio क्या है,। What is PE ratio in stock market 2022.

PE Ratio क्या है,। What is PE ratio in stock market 2022.

तो हमें ₹1 कमाने के लिए ₹20 देना होगा तो उसी प्रकार अगर PE Ratio 40 है , तो हमें ₹1 कमाने के लिए ₹40 देना पड़ेगा / What is a good PE ratio for stocks?

इसी प्रकार दो कंपनी को देखकर यह कह सकते हैं किसी कंपनी पर ज्यादा वैल्यूएशन मिल सकता है लेकिन PE ratio के आधार तभी कंपेयर करना है जब कंपनी एक ही इंडस्ट्री का हो इसका मतलब यह है की अगर मेडिकेयर कंपनी को मेडिकेयर कंपनी से ही compare करना चाहिए। एक automobile company ko automobile company से ही compare करना चाहिए दोस्तों ऐसा इसलिए है की अलग-अलग कंपनी का PE ratio अलग-अलग रेंज में होता है।

हमेशा consumer company se cyclic company PE ratio अधिक होती है इसलिए कंपनी का कंपेयर एक ही इंडस्ट्री में किया जाता है।

Meaning of different PE ratio.

X Ltd company

EPS SHARE Share Price

Y1 30 300 10

Y2 31. 5% 310 10

Y3. 32. 5% 320. 10

यह Low PE low growth company hai

X limited company मैं हर साल 5% ,5% percent ग्रो कर रही है इसलिए यह कंपनी low PE low growth company.

Y Ltd company

EPS SHARE Share Price

Y1 20 300 15

Y2 40.100% 1000 25

Y3 80.100% 3200. 40

High PE high Growth Company हैं

Y लिमिटेड कंपनी में हर साल 100%, 100% से grow कर रही है इसलिए यह high PE high Growth company है

A Ltd company

इसलिए X limited company का EPS 5%, 5% का growth से बढ़ रही है और इसका PE ratio तीनों साल का 10 है इसलिए X limited company low PE low growth company‌ है।

Y Ltd company तीनों साल का EPS 100%, 100% से बढ़ रहा है और इसका PE Ratio भी high growth बढ़ रहा है इसलिए Y limited company verry high PE और high growth wala company है ।

A Ltd company,| PE Ratio क्या है,। What is PE ratio in stock market 2022.

का EPS लगातार गिर रहा है PE Ratio बढ़ रहा है तो इसे देखकर लगेगा की कंपनी ग्रो कर रही है लेकिन इस कंपनी का PE ratio बढ़ने के बाद भी हो सके अच्छा नहीं हो इसलिए a limited company ऐसा कंपनी में सोच बूझकर निवेश करना चाहिए।

High PE Ratio Low PE Ratio

High Growth Low Growth

इसलिए high PE ratio वाले कंपनी high growth होती है और Low PE Ratio वाले low Growth वाले कंपनी होती है कभी ऐसा भी होता है की high PE Ratio वाले कंपनी का PE Ratio कम हो जाती है तो ऐसा कंपनी को value stock कहते हैं और low PE Ratio low growth वाले कंपनी PE ratio High हो जाती है तो ऐसा कंपनी को over value stock कहते हैं और अच्छे इन्वेस्टर इस कंपनी में इन्वेस्ट करना पसंद नहीं करता है high PE ratio और high growth वाले कंपनी में ही इन्वेस्ट करना पसंद करता है।

अगर दोनों company एक industry ka hai to invester Low PE Ratio और low growth वाले कंपनी में इन्वेस्ट करना पसंद करेंगे।

PE Ratio का Use करने की एक और तरीका होता है

current PE ratio ko historical average PE ratio se compare करना है जैसे

AB Ltd Company

current PE ratio. Last 10 years

average PE ratio

10 25

AB Ltd company है current PE ratio 10 है और historical average PE ratio ₹25 है तो यह अच्छा माना जाएगा अगर current PE ratio 35 हो जाए तो यह एक अच्छा कंपनी नहीं माना जाएगा और इन्वेस्टर इस कंपनी में इन्वेस्ट करना पसंद नहीं करेगा ।

और कभी भी यह भी देखना चाहिए कंपनी का 3 से 5 का EPS growth rate दिखना चाहिए और historical PE ratio भी देखना चाहिए ।

[ इस प्रकार से PE ratio के बारे में पूरी तरह से उदाहरण के साथ उल्लेख किया गया है ,PE Ratio क्या है, और इसे Use कैसे करते हैं, और इसे calculator कैसे करते हैं ।]

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Rich people accumulate assets, poor and middle class people collect liabilities and consider them as assets.| अमीर लोग सपत्तियां इकट्ठी करते हैं और मध्यवर्गीय लोक दायित्व इकट्ठे करते हैं और उन्हें संपत्तियां मानते हैं।

Why teach economic literacy 10 February, / https://shivasharemarket.com/rich-people-accumulate-assets/

Table of Contents

आपको संपत्ति और दायित्व का फर्क पता होना चाहिए और हमेशा संपत्तियां हैं खरीदनी चाहिए ।

अगर आप अमीर बनना चाहते हैं तो आपको बस इतना ही जानने की जरूरत है यह पहला नियम है यही इकलौता नियम है यह बहुत आसान लगता है लेकिन अधिकतर लोगों को इसकी गहराई का अंदाजा नहीं होता ज्यादातर लोग आर्थिक दृष्टि से संघर्ष सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि वे संपत्ति और दायित्व का फर्क नहीं जानते ।

अमीर पिता ने कहा,

Rich people accumulate assets, poor and middle class people collect liabilities and consider them as assets.

जब अमीर पिता ने शिवम और मुझे यह समझाया तो हमें लगा वे मजाक कर रहे हैं हम दो छोटे लड़के अमीर बनने के रहस्य को लेकर इतने हैरान परेशान थे और उनका जवाब इतना आसान था यह इतना ज्यादा आसान था कि हम इस बारे में सोचने के लिए बहुत समय तक ठहरना पड़ा ।

शिवम ने पूछा संपत्ति क्या होती है।

उसके बारे में अभी चिंता मत करो अमीर पिता ने कहा बस इस विचार को अपने दिमाग के अंदर घुसने दो अगर तुम इस सरल नियम को समझ लोगे तो तुम्हारे जीवन की एक योजना होगी और तुम्हें जिंदगी भर पैसे की दिक्कत नहीं आएगी यह बहुत आसान है इसलिए लोग इस विचार को अनदेखा कर देते हैं ।

मैंने पूछा आपका मतलब है कि हमें बस इतना ही जानने की जरूरत है कि संपत्ति क्या है और फिर हम उसे हासिल करें और इसके बाद हम अमीर बन आएंगे

Rich people accumulate assets, poor and middle class people collect liabilities and consider them as assets.

आमिर पिता ने अपना सिर हिलाया हां या इतना ही आसान है मैंने पूछा अगर यह इतना ही आसान है तो संसार का हर व्यक्ति आमिर क्यों नहीं बन पाता ।

आमिर पिता ने मुस्कुराए । क्योंकि लोग संपत्ति और दायित्व के बीच का फर्क नहीं जानते ।

मुझे याद है मैंने पूछा था बड़े लोग इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकते हैं अगर यह इतना ही आसान है अगर यह इतना ही महत्वपूर्ण है तो हर कोई इस फर्क का पता क्यों नहीं लगाना चाहता ।

संपत्तियां और दायित्व क्या होते हैं, यह समझाने में आमिर पिता को सिर्फ कुछ मिनट लगे।

व्यस्क होने के बाद मुझे यह दूसरे वयस्को को समझाने में मुश्किल आती है यह आसान विचार उन्हें समझ में नहीं आता क्योंकि उन्हें अलग तरीके से शिक्षित किया गया है उन्हें दूसरे शिक्षित पेशेवरों ने पढ़ाया है जैसे बैंकर्स लेखापाल रियल एस्टेट एजेंट वृत्तीय नियोजक आदि मुश्किल तब आती है जब इन लोगों से सेक्सी बातों को भूलने या दोबारा बच्चे बनने को कहा जाता है बुद्धिमान व्यस्क अक्सर महसूस करता है कि आसान परिभाषाओं पर ध्यान देना खुद को नीचे गिराना है

आमिर पिता “KISS” (keep it simple, stupid या keep it super simple) सिद्धांत में यकीन करते थे यानी इसे आसान रखो मूर्खतापूर्ण रखो या इसे बेहद सरल रखो इसलिए उन्होंने इसे हमारे लिए आसान बनाया जिससे हमारे वृत्तीय बुनियाद मजबूत बन गई

Rich people accumulate assets, poor and middle class people collect liabilities and consider them as assets. उलझन किस वजह से होती है इतनी सरल चीज जटिल कैसे बन सकती है कोई ऐसी संपत्ति क्यों खरीदता है जो दरअसल दायित्व है इस सवाल का जवाब बुनियादी शिक्षा में पाया जाता है।

हम वित्तीय साक्षरता पर नहीं ‘साक्षरता ‘शब्द पर ध्यान केंद्रित करते हैं ।

कौन सी चीज संपत्ति है और कौन सी दायित्व यह शब्दों से समझ नहीं आता है वास्तव में अगर आप सचमुच दुविधा में पड़ना चाहते हो तो डिक्शनरी में संपत्ति और दायित्व की परिभाषा देख ले मैं जानता हूं कि वहां दी गई परिभाषाएं किसी प्रशिक्षित लेखापाल को अच्छी लग सकती है लेकिन दिक्कत यह है की आम आदमी को उनसे ज्यादा कुछ समझ नहीं आता लेकिन हम व्यस्क लोग अक्सर यह मानने में अपनी तोहीन समझते हैं की कोई चीज हमें समझ में नहीं आ रही है ।

हम छोटे लड़कों को आमिर पिता ने समझाया था संपत्ति को सबसे नहीं अंको से परिभाषित किया जाता है और अगर तुम अंक नहीं पढ़ सकते तो तुम्हें संपत्ति और जमीन में खुद गड्ढे में कोई अंतर नजर नहीं आएगा

संपत्ति मेरे जेब मैं पैसे डालती है दायित्व मेरे जेब से पैसे बाहर निकालता है ।

आमिर पिता का आते थे एकाउंटिंग में महत्वपूर्ण अंक नहीं होते बल्कि वह चीज होती है जो अंक आपको बता रहे हैं यह शब्दों जैसा ही है शब्द महत्वपूर्ण नहीं होते हैं महत्वपूर्ण तो वह बात होती है दो शब्द के जरिए बताई जाती है ।

अगर तुम अमीर बनना चाहते हो तो तुम अंको को पढ़ना और समझाना आना चाहिए यह बात मैंने आपने अमीर पिता से एक बार नहीं हजार बार सुनी होगी । और मैंने यह भी सुना था । Rich people accumulate assets, poor and middle class people collect liabilities and consider them as assets.।

संपत्ति और दायित्व के फर्क को इस तरह पहचाना जा सकता है अधिकतर अकाउंटेंट्स और वित्तीय क्षेत्र के पेशेवर लोग इन परिभाषा ओं से सहमत नहीं है लेकिन ये आसान रेखाचित्र दो छोटे लड़कों की मजबूत वित्तीय नींव डालने में बड़े काम आए थे ।

यह एक संपत्ति का कैश फ्लो पेटर्न है

इनकम स्टेटमेंट

बैलेंस शीट

आय से संपत्ति। ( आय – संपत्ति ) आय से संपत्ति के ऊपर रेखा चित्र किया हुआ है ऊपर आय और नीचे संपत्तियां दर्शित किया गया है।

रेखाचित्र का ऊपरी हिस्सा इनकम स्टेटमेंट है जिसे अक्सर प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट कहा जाता है या आय और व्यय का ब्योरा देता है कितना पैसा अंदर आया और कितना पैसा बाहर गया रेखाचित्र का निचला हिस्सा बैलेंस शीट है इसका यह नाम इसलिए है क्योंकि माना जाता है की संपत्ति और दायित्व को बराबर होना चाहिए कई वित्तीय नौसिखिया इनकम स्टेटमेंट और बैलेंस शीट के संबंध को नहीं जानते हैं जबकि इस संबंध को समझाना अत्यंत महत्वपूर्ण है ।

इसलिए जैसा मैंने पहले कहा था मेरे लिए अमीर पिता ने दो छोटे लड़कों को आसान शब्दों में बताया संपत्ति आपकी जेब में पैसा डालती है अच्छी सरल और उपयोगी परिभाषा । Rank math seo / Rich people accumulate assets, poor and middle class people collect liabilities and consider them as assets.

यह एक दायित्व का कैश फ्लो पेटर्न है

इनकम स्टेटमेंट

बैलेंस शीट

इनकम स्टेटमेंट और बैलेंस शीट में दर्शाया गया है की ऊपर आय और व्यय नीचे दर्शाया गया है संपत्ति और दायित्व एक रेखा आधा दायित्व से होकर आधा व्यय से निकलते हुए रेखा ।

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आप जब संपत्तियों और दायित्वों को रेखा चित्रों के माध्यम से समझाया दिया गया है तो मेरी परिभाषा को शब्दों में समझाना ज्यादा आसान हो सकता है संपत्ति वह चीज है जो मेरे जेब में पैसा डालती है दायित्व वह चीज है जो मेरे जेब से पैसे बाहर निकालती है आपको दरअसल बस इतना ही जानने की जरूरत है अगर आप अमीर बनना चाहते हैं तो बस जिंदगी भर संपतिया खरीदते रहे अगर आप गरीब या मध्यवर्गीय बनना चाहते हैं तो जिंदगी भर दायित्व खरीदते रहे चाहे शब्दों की हो या अंको की निरक्षरता ही वित्तीय संघर्ष की जड़ है अगर लोग को आर्थिक मुश्किलें आ रही है तो इसका मतलब है कि शब्दों या अंकों मैं ऐसा कुछ है जिसे वे समझ या पढ़ नहीं पा रहे हैं अमीर लोग इसे अमीर है क्योंकि वे इस मामले में पैसे की तंगी झेलने वालों लोगों से ज्यादा साक्षर हैं ।

अगर आप अमीर बनना चाहते हैं और अपनी दौलत के कायम रखना चाहते हैं तो वित्तीय दृष्टि से साक्षर होना महत्वपूर्ण है शब्दों में भी और अंको में भी ।

रेखा चित्रों में जो तीर लगे है वे नकदी के प्रवाह या कैशफ्लो की दिशा बताते हैं सिर्फ अंको से ही पूरी बात समझ में नहीं आती है जिस तरह की संदर्भ के बाहर शब्दों को अर्थ गुम हो जाता है महत्वपूर्ण तो वह कहानी है जो अंक या शब्द बता रहे हैं किसी वित्तीय रिपोर्ट के अंको को पढ़ना कहानी खोजने की तरह है पैसा किस ओर जा रहा है इस बात की कहानी 80% परिवारों की वित्तीय कहानी यह होती है की वे आगे बढ़ने के लिए कठोर शर्म करते हैं बहरहाल उनकी यह कोशिश बेकार जाती है क्योंकि वे अपना जीवन संपतिया खरीदने के बजाय दायित्व खरीदने में लगा देते हैं ।

यह एक गरीब व्यक्ति का कैश फ्लो पेटर्न है

इनकम स्टेटमेंट

यह एक गरीब व्यक्ति का कैश फ्लो पेटर्न है रेखा चित्र में यह दर्शाया गया है की एक गरीब सैलरी से वेतन तो पाता है लेकिन वह टैक्स किराया किराना यातायात कपड़े में खर्चा कर लेता है और बैलेंस शीट संपत्ति एवं दायित्व तक पहुंच ही नहीं पाता है इस स्टेटमेंट को इस रेखा चित्र में दर्शाया गया है ।

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यह मध्यवर्ग के एक व्यक्ति का कैशफ्लो पैटर्न है

इनकम स्टेटमेंट

यह मध्यवर्ग के एक व्यक्ति का कैश फ्लो पैटर्न है इस रेखा चित्र में इनकम स्टेटमेंट और बैलेंस शीट को दर्शाया गया है इसमें एक मध्यवर्गीय व्यक्ति नौकरी से वेतन तो पाता है लेकिन वह दायित्व इकट्ठा करता है मॉर्गेज कार लोन क्रेडिट कार्ड कर्ज स्कूल लोन मैं फसा हुआ रहता है और भी टैक्स मॉर्गेज भुगतान कार लोन भुगतान क्रेडिट कार्ड भुगतान स्कूल लोन का भुगतान जिंदगी भर करते रह जाता है इस स्टेटमेंट को इस रेखा चित्र में दर्शाया गया है।

यह एक दौलतमंद आदमी का कैश फ्लो पेटर्न है

इनकम स्टेटमेंट

यह एक दौलतमंद आदमी का कैश फ्लो पेटर्न है इस रेखा चित्र के इनकम स्टेटमेंट और बैलेंस शीट में यह दर्शाया गया है की एक दौलतमंद आदमी किस तरह कम जनरेट करता है किराए से आमदनी डिविडेंड ब्याज और रॉयल्टी से सीधे वे लोग संपत्ति जनरेट करता है रियल एस्टेट शेयर बाउंडस् नोट्स और बौद्धिक संपदा इस प्रकार के इस स्टेटमेंट में रेखा चित्र के द्वारा दर्शाया गया है ।https://shivasharemarket.com/

Why teach economic literacy 10 February, ।आर्थिक साक्षरता क्यों सिखाएं 10 February,।

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महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप कितना पैसा कमाते हैं । महत्वपूर्ण तो यह है कि आप कितना पैसा रखते हैं।

Why teach economic literacy 10 February, :- 1990 में शिवम ने अपने पिता का साम्राज्य राज्य संभाल लिया और वास्तव में वह अपने पिता से भी अच्छा काम कर रहा है। हम एक दूसरे से साल में एक दो बार गोल्फ कोर्स पर ही मिलते हैं। वह और उसकी पत्नी इतने अमीर हैं, जितनी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। शिवम का पिता की साम्राज्य बेहतरीन हाथों में है और शिवम अपने बेटे को आपने गद्दी संभालने के लिए उस तरह तैयार कर रहा है जिस तरह उसके पिता ने हमें तैयार किया था

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1994 में मैं 45 साल की उम्र में रिटायर हो गया, उस वक्त मेरी पत्नी लूस 37 साल की थी रिटायरमेंट का मतलब काम करना छोड़ना नहीं है हमारे लिए इसका मतलब यह है कि जब तक अप्रत्याशित बहुत बड़ी अनहोनी ही ना हो जाएं। तब तक हम काम करने या ना करने की लिए स्वतंत्र है और हमारी दौलत अपने आप आगे बढ़ती है तथा मुद्रा स्फीति की दर से ज्यादा तेजी से बढ़ती है हमारे संपत्तियां इतनी बड़ी हो चुकी है कि खुद ही विकास कर सकती है यह किसी पेड़ को लगाने जैसा है आप वर्षों तक इसे पानी देते रहते हैं और फिर एक दिन इसे आपकी जरूरत नहीं रह जाती इसकी जड़े जमीन में पर्याप्त गहराई तक जम चुकी होती है फिर पेड़ आपके आनंद के लिए छाया प्रदान करता है।

शिवम ने साम्राज्य चलाने का निर्णय लिया और मैंने रिटायर होने का।

जब भी मैं लोगों के समूह के सामने बोलता हूं तो वह मुझसे अक्सर पूछते हैं कि मेरे हिसाब से उन्हें क्या करना चाहिए मैं कैसे शुरू करूं क्या कोई ऐसी पुस्तक है जिसे पढ़ने की आप सलाह देंगे मुझे अपने हाथों को तैयार करने के लिए क्या करना चाहिए कामयाबी का आप का रहस्य क्या है मैं लाखों-करोड़ों कैसे कमा सकता हूं । जब भी मैं इसमें से कोई सवाल सुनता हूं तो मुझे नीचे दी गई कहानी याद आती है.

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सबसे अमीर व्यवसायी  
1923 में हमारे सबसे महान नेताओं और सबसे अमीर व्यवसायियो का समूह शिकागो की एज वांटर बीच होटल में मिला उनके बीच चार्ल्स सवाब थे जो सबसे बड़ी स्वतंत्र स्टील कंपनी के मुखिया थे सैम्युअल इन्सुल थे जो संसार के सबसे बड़ी यूटिलिटी कंपनी के प्रेजिडेंट थे अवार्ड ऑप्शन थे जो सबसे बड़ी गैस कंपनी के मुखिया थे आई वर क्रूजर थे जो उस वक्त विश्व के सबसे बड़ी कंपनियों में से एक इंटरनेशनल मैच कंपनी प्रेसिडेंट थे लियोन फ्रिज ईयर थे जो बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटेलमेंट्स के प्रेसिडेंट थे।                                

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मुझे नहीं लगता कि कोई भी ठीक ठीक बता सकता है की इन लोगों के साथ दर्शन क्या हुआ लेकिन हम अनुमान लगा सकते हैं अगर आप 1923 पर गौर करें तो आप को दिख जाएगा किया 1929 की शेयर बाजार की भारी गिरावट और महामंदी के ठीक पहले का समय था मुझे लगता है कि इन दोनों घटनाओं का इन लोगों और उनके जीवन पर भारी असर पड़ा होगा मुद्दे की बात यह है।

Why teach economic literacy 10 February, आर्थिक साक्षरता क्यों सिखाएं 10 February, :- यह लोग जिस युग में रह रहे थे आज हम उससे ज्यादा बड़े और तीव्र परिवर्तन के दौर में रह रहे हैं मुझे लगता है कि आने वाले सालों में कई उतार-चढ़ाव आएंगे जो इन लोगों के युग में आए उतार-चढ़ाव जैसे ही होंगे मुझे इस बात की चिंता है कि बहुत सारे लोगों का ध्यान वैसे पर तो बहुत ज्यादा केंद्रित है लेकिन अपनी सबसे बड़ी दौलत पर उनका जरा भी ध्यान नहीं है जिसका नाम है शिक्षा यदि लोग लालची बनने खुला दिमाग रखने और सीखने के लिए तैयार हो तो कठोर परिवर्तनों के बावजूद ज्यादा अमीर बनेंगे।

अगर वह सोचते हैं कि पैसा समस्याओं को सुलझा देगा तो उन्हें राह में काफी मुश्किलें झेलनी होगी बुद्धिमत्ता समस्याओं को समझाती है और पैसे बनाती है वित्तीय बुद्धि कि बिना पैसा जल्दी ही चला जाता है।

अधिकतर लोगों को यह अहसास ही नहीं होता कि जीवन में महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप कितना ज्यादा पैसा कमाते हैं महत्वपूर्ण तो यह है कि आप कितना ज्यादा पैसा अपने पास रख पाते हैं हम सब ने लॉटरी जीतने वाले गरीब लोगों की कहानियां सुनी है जो अचानक अमीर बन गए लेकिन कुछ समय बाद एक बार फिर गरीब हो गए लॉटरी में उन्होंने लाखों-करोड़ों लॉटरी जीते लेकिन वह जल्दी ही वहां लव टॉय जहां से उन्होंने शुरुआत की थी या पेशेवर खिलाड़ियों की कहानियां जो 26 साल की उम्र में हर साल लाखों करोड़ों डॉलर कमाते हैं लेकिन 10 साल बाद उन्हें मजबूरन किसी पुल के नीचे सोना पड़ता है। rank math review

आर्थिक साक्षरता

( Rank math seo)Why teach economic literacy 10 February, मुझे एक युवा बास्केटबॉल खिलाड़ी की कहानी याद है जिसके पास 1 साल पहले लाखों डॉलर थे आज 29 साल की उम्र में वाह दावा करता है कि उसके मित्रों वकील और लेखापाल ने उसका पैसा हथिया लिया और वह न्यूनतम वेतन पर कार धोने वाली दुकान में काम करने के लिए मजबूर है उससे कार धोने वाली दुकान से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने कार पहुंचते समय आपने चैंपियनशिप रिंग उतारने से इंकार कर दिया था । उसकी कहानी राष्ट्रीय खबरों में आई और वह नौकरी से निकालने के खिलाफ दावा ठोक रहा है तथा भेदभाव का आरोप लगा रहा है उसका दावा है की उसके पास अंगूठी ही बची है और अगर यह भी उतर गई तो वह अंदर से टूट जाएगा।

मैं बहुत से लोगों को जानता हूं जो तुरंत मिलियनेयर बन गए हालांकि मुझे खुशी है की कुछ लोग ज्यादा अमीर बन गए लेकिन मैं उन्हें चेतावनी देता हूं की लंबे समय में यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है कि आप कितना ज्यादा पैसा कमाते हैं महत्वपूर्ण तो यह है कि आप कितना पैसा अपने पास रख पाते हैं और इसी कितनी पीढ़ियों तक रखते हैं।

Why teach economic literacy 10 February, :- तो जब लोग मुझसे पूछते हैं मैं कैसे शुरू करूं या मुझे बताएं की फटाफट अमीर कैसे बना जा सकता है तो मेरे जवाब से वे प्राय बहुत निराश होते हैं मैं बस उनसे वही कहता हूं जो अमीर पिता ने मुझसे बचपन में कहा था अगर तुम अमीर बनना चाहते हो तो मुझे वित्तीय दृष्टि से साक्षर बनने की जरूरत है

जब भी मैं अमीर पिता के पास होता था तो वे यह विचार हर बार मेरे दिमाग में ठूंसेते थे । जैसा मैंने कहा था मेरे शिक्षित पिता पुस्तक पढ़ने के महत्व पर जोर देते थे

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Share Market :- स्टॉक मार्केट में ऑनलाइन शेयर खरीदने के लिए इस समय 2-3 उपकरणों का आवश्य पड़ेगी ।

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  • कंप्यूटर, लैपटॉप
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कंप्यूटर :- हम कंप्यूटर के माध्यम से कोई भी एक बड़ा ब्रोकर के पास एक डिमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं उदाहरण :-।

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Stock Market :-
  • एंजेल ऑन
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  • एसएमसी
  • ईटी मनी और
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मोबाइल फोन :-मोबाइल फोन से भी आप कंप्यूटर की या लैपटॉप की तरह आप शेयर मार्केट में शेयर खरीद एवं बिक्री कर सकते हो।

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शेयर मार्केट में हमें इन्वेस्ट करने के लिए बहुत से बातों को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए कभी भी शेयरों मार्केट को जुआ एवं खेल या टाइमपास नहीं समझाना चाहिए शेयर खरीदना स्टॉक मार्केट में पैसा डालना है एक बिजनेस है जिसे बिजनेस की तरह करना चाहिए।

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Online share buying 2022 :- शेयर मार्केट में पैसा या शेयर खरीद एवं बिक्री किसी के कहने से या किसी के बोलने से नहीं करना चाहिए शेयर मार्केट के बारे में खुद को ज्ञान लेना चाहिए चाहे कहीं से भी बुक से वीडियो से न्यूज़ से यह कहीं से भी आपको शेयर मार्केट के बारे में नॉलेज मिलता है तो नॉलेज अर्जित करना चाहिए और खुद अपने आप कंपनी के बारे में डिफाइन जांच एवं पड़ताल करना चाहिए।

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ऑनलाइन शेयर मार्केट के बारे में जांच पड़ताल करने के लिए कई प्रकार के इंडिकेटर है और उसका यूज़ ऑफ कर सकते हैं स्टॉक मार्केट को जांचने के लिए आप उसे भी ध्यान दे सकते हो कंपनी का फाइनेंस स्टेटमेंट जैसे प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट बैलेंस शीट कैश फ्लो शेयर होल्डर अनेक प्रकार के इंडिकेटर है आप इसे, कंप्यूटर ,के माध्यम से ऑनलाइन आप चेक कर सकते हो

स्टॉक मार्केट में शेयर डिफाइंड करने के लिए कुछ मेन इंडिकेटर है जो इस प्रकार है PE Ratio, intensive value,EPS इस प्रकार के कई इंडिकेटर है जो अगले वाले आर्टिकल में विस्तार से लिखा जाएगा

कंप्यूटर :-कंप्यूटर द्वारा आप ऑनलाइन स्टॉक मार्केट के बारे में रीडिंग एवं वीडियो देख एवं कर सकते हो और शेयर मार्केट के बारे में जानकारी ले सकते हो या मार्केट से आजकल अनेक प्रकार के शेयर मार्केट रिलेटेड बुक उपलब्ध है आप उसे भी खरीद सकते हो और अच्छा से अच्छा शेयर मार्केट के बारे में जान सकते हो। /https://www.facebook.com/profile.php?id=100025071815604

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आप आजकल यूट्यूब या ब्लॉग के माध्यम से शेयर मार्केट के बारे में बहुत सारी जानकारी आते रहते हैं आप उसे भी देख सकते हैं लेकिन कुछ बात को ध्यान में रखते हुए यूट्यूब या ब्लॉग के भरोसे नहीं रहना चाहिए क्योंकि यूट्यूब में पैसे कमाने के लिए लोग कुछ भी डाल सकते हैं जिससे वह नहीं हो सकता इसलिए जो वीडियो आपको लगता है जांच कर लेनी चाहिए।https://shivasharemarket.com/